24x7news wave भारत के स्वतंत्रता सेनानियों और समाज सुधारकों के समूह में, कुछ ही दिग्गज बाबू जगजीवन राम की तरह चमकते हैं। जैसे-जैसे उनकी जयंती (जन्मदिन) नजदीक आती है, अखिल भारतीय महिला सशक्तिकरण पार्टी (एआईएमईपी) के साथ-साथ डॉ. नौहेरा शेख जैसी हस्तियां इस दलित आइकन की अदम्य भावना को याद करने में देश का नेतृत्व करती हैं। यह लेख बाबू जगजीवन राम के जीवन और विरासत पर प्रकाश डालता है, और खोजता है कि सामाजिक न्याय के लिए उनके अथक प्रयास आज भी कैसे गूंजते हैं। परिचय: एक विरासत पर दोबारा गौर किया गया उस दिन जो न केवल बाबू जगजीवन राम के जन्म का बल्कि उनके स्थायी प्रभाव का भी प्रतीक है, उनके महान योगदान पर नजर डालना जरूरी है। जातिगत भेदभाव के खिलाफ उनके शुरुआती संघर्षों से लेकर भारत की कृषि क्रांति में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका तक, उनकी यात्रा लचीलेपन और सुधार का एक प्रतीक है। लेकिन यह विरासत आज के भारत में कैसे जीवित है, विशेषकर डॉ. नौहेरा शेख जैसे समकालीन नेताओं और एआईएमईपी जैसे संगठनों के प्रयासों के माध्यम से? आइए ढूंढते हैं। बाबू जगजीवन राम की विरासत के स्तंभ सामाजिक न्याय की लड़ाई बाबू ज...